कुछ क्षेत्र जो अभी तक जिला मूख्यालय अविभाजित रायपुर से काफी दूर पर स्थित थे उन्हे भी अब विकास की एक नई किरण नजर आने लगी है। क्षेत्र मे कई ऐसे क्षेत्र है, जहां अभी तक विद्युत व्यवस्था भी नहीं पहुंच पाई है। सड़क व्यवस्था स्कूल के जैसे अनेक सुविधा से वंचित थे। उन्
हे अब विकास की झलक दिखाई देने लगी, पूर्व में गरियाबंद जिला जब रायपुर जिले में था तब कई ऐसे गांव जैसे देवभोग, रसेला, लिटीपारा,नवागढ़ ,अमली पदर , गोहरा पदर उरमाल मैनपुर के वासी अपने आप को जिला मुख्यालय से काफी दूर महसूस करते थे, परंतु रायपुर जिला से अलग होने के गरियाबंद स्वयं जिले के रूप में अपने अस्तित्व में आ गया हैं, गरियाबंद रायपुर जिला से अलग होने के बाद विकास तो होगी ही वहीं इस क्षेत्र में प्रचुर मात्रा में प्राकृतिक संपदा छिपी हूई है, इसके कारण भी क्षेत्र का विकास अधिक होगा गरियाबंद जिला में राजस्व की प्राप्ति हो काफी मात्रा प्राप्त होगा ही, प्राकृतिक संपदा में हिरा अलेकजेन्डर, हरा सोना तेन्तुपत्ता, आमामोरा में औशधि, क्षेत्र में निर्मित सिकासार बांध आदि है। जिन्हें देखकर क्षेत्र को अत्यधिक विकसित क्षेत्र के रूप में देखा जा सकता है। विकास कार्यो में क्षेत्र की तस्वीर बदल गई है। अब वन आंचल गरियाबंद क्षेत्र को सम्पूर्ण जिला बनाकर विकास की दृश्टि कोण से छत्तीसगढ़ राज्य में प्रथम जिला के रूप में उभर कर सामने आऐ यही गरियाबंद जिला में आने वाले पांचों ब्लाक के गरियाबंद, फिगेष्वर, छुरा, मैनपुर, देवभोग, की जनताओं का शासन प्रशासन से यही दरकार हैं। सड़क, शिक्षा, व स्वास्थय की मूलभूत दिक्कते राज्य निर्माण के बाद कुछ हद तक दूर हुई है। अब जिला बनने के बाद मूल भूत सुविधा के साथ प्रशासनीक कसावट आने से तेजी से अग्रसर होने की संभावनाएं आम नागरिक रखते हैं। जिलेका गौरव सिकासार डेम 1977 में निर्माण हुऐ सिकासार डेम गरियाबंद क्षेत्र के किसानों के लिए वरदान साबीत हुआ है। सिकासार डेम की उपयोगिता किसी से छुपी नही हैं। इस डेम का भराव छमता 1333 एमसीएफटी हैं। जिससे साढे 400 सौ ग्रामों के लगभग 29 सौ हैक्टेयर खेतों में सिकासार डेम के पानी से फसल लहलहाती है। इससे किसानों को चिन्ता नही रहती। ग्रीश्म कालीन रवी फसल के लिए किसानों को पर्याप्त मात्रा में पानी मिल जाता है। इस तरह एक नही दो-दो फसल लेते है। जो गौरव की बात है। शिक्षा के लिए पर्याप्त महाविद्यालय मुख्यमंत्री रमन सिंह के सौगात से गरियाबंद जिला में कला विज्ञान, कामर्स, आईटीआई, साईस, शासकीय पलेटेक्निक कालेज षूरू हो चुका हैं वही छुरा, देवभोग में भी शासकीय कालेज शिक्षा अध्यन कर रहे छात्र। बस कमी हैं तो विशय वार शिक्षकों की चाहे वह प्राथमीक शाला से लेकर उच्च शिक्षा तक की बात हो। जिला बनने के बाद लोगों में आशा की एक नई किरण कि अब उक्त शिक्षा के लिए शिक्षकों की गरियाबंद जिला में शिक्षा के दृश्टि कोण से पीछे नही रहेगा। वहीं किसी भी क्षेत्र का विकास वहां कि शिक्षा से होता हैं।
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