Tuesday, September 25, 2012

आने वाले समय में नाव की सवारी एक तरह से लोगों के लिए स्मृति मात्र रह जाएगी।

 आज भी पैरी नदी के मोहेरा घाट पर नाव दो जिलों को जोडऩे का सेतु बन रहा है। बीते रवि वार को मै अपने साथी विजय सिन्हा के साथ घुमते घूमते गरियाबंद जिला मुख्यालय से ७ की मिदुर मोहेरा घाट पहुचे वहा नाव को चलता देख बाद ही आश्चर्य और ख़ुशी भी हुई वहा हम लोगो ने नाव का सफ़र किया और नाव में उपस्थित लोगो से चर्चा किया तो बताये की गरियाबंद और धमतरी जिले को जोडऩे के लिए यहां नाव का सफर ही वर्षों से एक
 अनूठा रिश्ता कायम किए हुए है। आजादी के इतने वर्षों बाद भी ग्रामीणों को नाव से नदी पार करके गांव जाना पड़ रहा है। नाव के सेतु ने दोनों जिलों के जिन संबंधों की बुनियाद रखी है उसे और मजबूती देगा यह नया बनने वाला पुल। व्यापारिक व सामाजिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इस नदी के निर्माणाधीन पुल से विकास को गति मिलना तय है। 



ग्रामीणों में खुशी इस बात की है कि राज्य सरकार ने उनकी सुध ली है। पुल के निर्माण से नाव का सफर नहीं करना पड़ेगा। छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद पुल का निर्माण हो रहा है। गरियाबंद और धमतरी जिले को जोडऩे के लिए यही नाव का सफर ही वर्षों से एक अनूठा रिश्ता कायम किए हुए है। आजादी के इतने वर्षों बाद भी ग्रामीणों को नाव से नदी पार कर कर गांव जाना पड़ रहा है। इन दिनों नदी में लोगों को नाव के सहारे इधर से उधर जाते देखा जा सकता है। धमतरी जिले का ग्राम मोहेरा पैरी नदी के मुहाने पर गरियाबंद के नजदीक बसा है।

उल्लेखनीय है कि ग्रामीणों के लिए नाव की यह सवारी वर्षों पुरानी है। अब एक दो वर्षों के भीतर ही नाव का यह सफर भी इन्हें नहीं करना पड़ेगा क्योंकि 9 करोड़ की लागत से बड़े पुल का निर्माण किया जा रहा है। फिलहाल इसका कार्य अधूरा है। नाव चलाने वाले महेश कमार ने बताया कि रात सात बजे तक वह नाव से लोगों को नदी पार कराते हैं। वहीं ग्रामीण योगेश्वर ने बताया कि आने-जाने के नाव का किराया बीस रुपए है। यह ग्राम मगरलोड जनपद पंचायत के अधीन पड़ता है।

मोहेरा के आसपास करीब 7 ग्राम पड़ते हैं जो गरियाबंद से समीप हैं। यहां के लोगों की आवाजाही गरियाबंद रोज होती है। क्षेत्र के स्कूली बच्चे भी गरियाबंद करने नाव से ही जाते हैं। इसके अलावा व्यापारिक दृष्टिकोण से धमतरी जिले के समस्त ग्राम गरियाबंद से जुड़े हैं। सभी का सेतु नाव ही है। आने वाले समय में नाव की सवारी एक तरह से लोगों के लिए स्मृति मात्र रह जाएगी।
 








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