Monday, February 27, 2012

भारतीय जनता पार्टी की सोच

भारतीय जनता पार्टी की सोच

आखिर वही हुआ हो हमारी अटल जी की नेत्रित्व वाली सरकार ने जो सोचा था और हर देश यही करने में लगा हुआ है  २००२ में वाजपेयी सरकार ने बनाई थी योजना नदियों को जोडऩे की परियोजना का मूल विचार राजग सरकार के कार्यकाल मे आया था। अक्टूबर, 2002 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उस साल भीषण सूखे की पृष्ठभूमि में इस परियोजना के लिए एक कार्यबल का गठन किया था। भारत में नदियों को जोडऩे के लिए भले ही अब तत्परता दिखाई हो, लेकिन इसकी जरूरत सदियों पहले से महसूस की जा रही है, ताकि बाढ़ और सूखा जैसी प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावी तरीके से निपटा जा सके। पेरियार परियोजना, परम्बिकुलम-अलियार परियोजना, कुरनूल-कडप्पा कैनाल और तेलुगु-गंगा परियोजना आदि कुछ महत्वपूर्ण नदी जोड़ो परियोजनाएं हैं। पेरियार परियोजना 1895 में बनी थी। नदी जोड़ो परियोजना दुनिया के अन्य देशों में भी अपनाई जा रही है। अमेरिका 45 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) पानी ट्रांसफर कर रहा है और 376 बीसीएम के लिए योजना बना रहा है। कनाडा ने 268 बीसीएम के लिए तेजी से काम चल रहा है। इनके मुकाबले भारत में अभी मात्र 10 बीसीएम पानी का ही ट्रांसफर हो रहा है। चीन ने भी नदी जोड़ो परियोजना शुरू कर दी है। 
भारतीय जनता पार्टी की सोच हमेशा विकास ही रही है! विकाश के लिए दूशरा कोई विकल्प ही नहीं है! विनाश के लिए तो सभी बैठे है ! २०१३के लिए सभी लोगो से आह्वान है की विकाश के लिए भारतीय जनता पार्टी चुने ! केंद्र से विनाशकारी नित वाली सरकार को उखाड फेके !

Saturday, February 18, 2012

कल हम लोग देभोग क्षेत्र में प्रवास पर थे ! देभोग की ओर आगे बढ़ रहे थे तो देखा की डुमरपड़ाव मोड़ में उदंती के पहले शारदा कंपनी की बस और ट्रक का आमने सामने से भिडंत हुआ था  जिसमे ९ लोग जो की बस के केबिन में बैठे थे गंभीर रूप से घायल हो गए ! उस  इलाके में संचार सुविधा नहीं होने के कारण लोग १०८ में फोन नहीं कर पा रहे थे राह चलते लोगो में से कुछ लोग आगे जा कर १०८ में फोन कर संजीवनी एक्सप्रेस बुलाया लेकिन घटना क्षेत्र मैनपुर से ३५ की मी  दूर होने के कारण उसे पहुचने में देरी हो रही थी तभी उस इलाके के एस डी ऍम चौधरी जी मैनपुर से देवभोग जा रहे थे पहुचे ! उन्हों ने घायलों को तत्काल इलाज हेतु मैनपुर भेजने की वाव्स्था करते हुए सभी घायलों को दुसरे बस में ले जाने का निर्देश दिया ! १० - १२ की मी जाने के बाद संजीवनी एक्सप्रेस आता हुआ दिखाई दिया उसे रोक कर सभी मरीजो को उसमे सिफ्ट किया गया तथा उनका प्रारंभिक उपचार किया गया !






घटना की जानकारी जैसे ही १ किमी दूर ग्राम उदंती के लोगो को पता चला की घायल व् यात्रियों को पानी की सक्त जरुरत है और वहा पानी की उपलब्धता नहीं है तो उदंती ग्राम की महिलाये बाल्टी गुंडी में पानी ले कर पैदल ही १.५ किमी पहुच कर घायलों की सेवा की वास्तव में उदंती ग्राम की महिलाओ की जो सेवा देखने को मिला वैसा कही नहीं मिलता है !