Sunday, November 27, 2011

पैरी हाई डेम के सर्वे से खलबली

 गरियाबंद के लोग भविष्य को लेकर चिंतित 
वर्षों बाद पैरी हाई डेम के सर्वे होने की खबर से लोगों में खलबली मच गई है। फिर से यहां की बसी बसाई दुनिया को उजाडऩे की योजना से क्षेत्र के लोगों में चिंता व्याप्त है। हमेशा हाई डेम की तलवार क्षेत्र में लटकती रहती है। सर्वे को लेकर क्षेत्र की जनता चिंतित है। अब तक विरोध के चलते डेम को लेकर शासन-प्रशासन ने इसे बनाने हिम्मत नहीं दिखाई है। यह तो तय है कि इस बार भी जबरदस्त विरोध होगा। क्योंकि आस पास के गांव जब डूब में आ जाएंगें तो गरियाबंद का अस्तित्व नहीं रहेगा। वैसे लोग अब अपने भविष्य को लेकर चिंतित है। 

1 जनवरी 2012 को गरियाबंद जिला बन जाएगा, ऐसे में जिला मुख्यालय का स्थान डेम बनने की स्थिति में टापू से कम नहीं रहेगा। जिले के स्थाई दफ्तर मालगांव पहाड़ी को प्रशासन ने फाइनल कर दिया है। एक तरफ जिले की सौगात है तो दूसरी तरफ हाई डेम के सर्वे की चर्चा गांवों में शुरू हो गई है। तेजी से सर्वे होने का हल्ला शनिवार को नगर सहित गांवों में पहुंचा।ग्रामीणों का स्पष्ट मत है कि किसी भी शर्त में हाई डेम नहीं बनने देंगे। उल्लेखनीय है कि हाई डेम बनने का विरोध कई बार किया गया। शनिवार को नगर के युवकों के जत्थे ने सर्वे के विरोध में रैली निकाली व राज्यपाल के नाम ज्ञापन प्रशासन को सौंपा। इस मौके पर ओम राठौर, संदीप सरकार, केशु सिन्हा, सन्नी मेमन, ओमप्रकाश सिन्हा,भुवन बघेल, सोवल जानसन, गौरव कुटारे, यशपाल देवांगन, दीपक तिवारी, सहित अनेक लोग मौजूद थे। आंदोलन के लिए ग्रामीण लामबंद हो रहे है। वैसे संघर्ष समिति पूर्व से गठित है। बताया जाता है कि रविवार को इसको लेकर बैठक रखी गई है। इसके बाद खुलासा हो पाएगा कि विरोध की रणनीति क्या होगी। क्षेत्र के लोगों में जिला बनने की खुशी है वहीं हाई डेम बनने के सर्वे का मामला सामने आते ही नाराजगी देखी जा रही है। गौरतलब है कि पैरी हाई डेम ब्रिटिश काल 1932 की योजना है। विश्व बैंक की मदद से पैरी नदी में बारूका के पास प्रस्तावित किया गया था। 

हाई डेम के डूबान क्षेत्र: बारूका, मालगांव, बेहराबुड़ा, घुटकूनवापारा, पाथरमोहदा, सोहागपुर, कस, मजरकटा , भिलाई, सढ़ौली, खट्टी, आमदी, कुरूभांठा, चिखली,मुहेरा , क ोदोबतर, पटोरा, डुबान क्षेत्र चिह्नित किया गया है। 

आंशिक डूबान क्षेत्र: गरियाबंद ,भेजराडिही, कासरबाय, गजंईपुरी, कोचबॉय, कोकड़ी, पेंड्रा, जडज़ड़ा, झितरी डुमर, कोसमबुड़ा, तांवर बाहरा, मैनपुर, संबलपुर, खरहरी सरईभदर, भीरगुड़ी, आएंगे। 

सच्चाई जानने लोग पहुंचे: गरियाबंद से 14 किमी दूर राज्य मार्ग से एक किमी अंदर पैरी हाई डेम के प्रस्तावित स्थान को देखने शनिवार को ग्रामीण पहुंचे जहां पाया कि राज्यमार्ग से प्रस्तावित डेम स्थल तक मुरम से सड़क बना ली गई है। वहीं प्रस्तावित स्थल व सड़क में संकेत चिन्ह बनाए गए है। इससे लोगों को भरोसा हो गया है कि सर्वे डेम का शुरू होने वाला है। 

वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से अनुमति नहीं: पैरी हाई डैम के बनाने को लेकर दूसरे क्षेत्र के राजनैतिक नेताओं में खासी दिलचस्पी है। लगातार मांग करते है कि डेम बनना चाहिए। वर्षों से यह बात ही सामने आती है कि केंद्र सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से लाखों पेड़ होने के कारण अनुमति के लिए भेजी जाती है। कई बार तो अनुमति नहीं मिली है इस ताजा सर्वे होने के बाद फिर से केंद्र सरकार को अनुमति के लिए भेजा जाना तय है। अब देखना है कि इस मामले क ो लेकर राजनीतिक नेताओं का रूख क्या है। क्योंकि केंद्र में कांग्रेस व राज्य में भाजपा की सरकार है। 

2 comments:

  1. Gariaband k pavitra jungle-jameen ko pura pani me duba dena kahi se bhi thik nahi,aur Gariaband ki janta aisa hone bhi nahi degi.Jaha tak irrigation ka sawal hai,to small capacity ka dam banaya ja sakta jisme khali thora-bahut hissa dubaan me aaye,aur baki prakriti waise hi lahrati rahe jaise aaj hai....

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