Friday, August 19, 2011

गरियाबंद राजस्व जिला

गरियाबंद राजस्व जिला बनने का सपना साकार हो गया है। मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने गरियाबंद को जिले की सौगात दे दी है। गरियाबंद के जिला बनने से जनता खुश हैं। चार माह बाद, एक जनवरी 2012 नए वर्ष में गरियाबंद के रूप में नया जिला बन जाएगा। इस पांच ब्लाक के जिले में विकास की बहुत संभावना है। आदिवासी व वनवासियों की उन्नति होगी। यहां के 80 प्रतिशत किसानों का भला होगा। पिछड़ी जनजाति कमार, भुंजिया, लोग विकास की मुख्य धारा से जुड़ेंगे। जिला बनाने की मांग लंबे समय से लंबित थी।
जिले में दो विधानसभा होंगी, राजिम व बिंद्रानवागढ़। वर्तमान में बिंद्रानवागढ़ से डमरूधर पुजारी (भाजपा) व राजिम से अमितेश शुक्ल (कांग्रेस) विधायक हैं। नक्सली चुनौती के बीच विकास का पड़ाव तय करना है। राजनीतिक माहौल भी बदलेगा। बुनियादी समस्याएं हल होंगी। यहां पुलिस जिला मुख्यालय के दफ्तर के अलावा जलसंसाधन, पीडब्लूडी का संभागीय दफ्तर पहले से है। यहां उदंती वनमंडल का कार्यालय है, पूर्व वनमंडल का रायपुर दफ्तर गरियाबंद आ जाएगा। यहां के लोगों को जिले के अफसरों से मिलने 90 किमी दूर नहीं जाना पड़ेगा।जिले की धरोहर मैनपुर, देवभोग के हीरा खदान, एलेक्जेंडर खदान माने जाएंगे। यहां के पायलीखंड, बेहराडीह, कोदोमाली, सेंडमुड़ा में कीमती पत्थर पाए जाते हैं। उदंती अभयारण्य के राजकीय पशु वनभैंसे की एक अलग पहचान होगी। पर्यपर्यटन विकास की संभावना बढ़ गई है। क्षेत्र में धार्मिक महत्व के भूतेश्वरनाथ मंदिर, राजिम कुंभ, जतमई मंदिर, रमईपाठ मंदिर, गरजईमंदिर, घटारानी मंदिर का और विकास होगा। सही मायने में अब अमीर धरती के गरीब लोग विकास के पथ पर आगे बढेंग़े। एक माह पहले विधायक डमरूधर पुजारी ने सीएम डा. सिंह से गरियाबंद को जिला बनाने की मांग की थी। माना जा रहा है कि उनकी मांग रंग लाई।

गरियाबंद जिला क्षेत्रफल की दृष्टि से बड़ा होगा, सड़क मार्ग की दृष्टि से जिले की लंबाई 175 किमी होगी। पहले देवभोग से रायपुर जिले की दूरी 250 किमी थी। इसलिए उम्मीद की जा रही है कि अब क्षेत्र की जनता की समस्याओं का निपटारा जल्दी होगा। विकास से क्षेत्र की तस्वीर बदलेगी। वैसे तो राज्य निर्माण के पिछले 10 सालों में क्षेत्र का विकास हुआ है। भौगोलिक व प्रशासनिक ढांचे के हिसाब से गरियाबंद अनुविभाग की जनसंख्या 5 लाख से अधिक है। 20890 वर्ग किमी क्षेत्र फल में 5 तहसीलें राजिम, गरियाबंद, मैनपुर, देवभोग, छुरा हैं। इन्हें ब्लाक का दर्जा प्राप्त है। चार नगरपंचायत गरियाबंद, छुरा, फिंगेश्वर, राजिम हैं। इसके अलावा 435 ग्राम पंचायतें, 7 पुलिस थाना, 10 मुख्य चिकित्सालय, 90 बाध, 6 कालेज, अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायालय, अपर कलेक्टर के पद की स्थापना हो चुकी है।
टन विकास की संभावना बढ़ गई है। क्षेत्र में धार्मिक महत्व के भूतेश्वरनाथ मंदिर, राजिम कुंभ, जतमई मंदिर, रमईपाठ मंदिर, गरजईमंदिर, घटारानी मंदिर का और विकास होगा। सही मायने में अब अमीर धरती के गरीब लोग विकास के पथ पर आगे बढेंग़े। एक माह पहले विधायक डमरूधर पुजारी ने सीएम डा. सिंह से गरियाबंद को जिला बनाने की मांग की थी। माना जा रहा है कि उनकी मांग रंग लाई।

गरियाबंद जिला क्षेत्रफल की दृष्टि से बड़ा होगा, सड़क मार्ग की दृष्टि से जिले की लंबाई 175 किमी होगी। पहले देवभोग से रायपुर जिले की दूरी 250 किमी थी। इसलिए उम्मीद की जा रही है कि अब क्षेत्र की जनता की समस्याओं का निपटारा जल्दी होगा। विकास से क्षेत्र की तस्वीर बदलेगी। वैसे तो राज्य निर्माण के पिछले 10 सालों में क्षेत्र का विकास हुआ है। भौगोलिक व प्रशासनिक ढांचे के हिसाब से गरियाबंद अनुविभाग की जनसंख्या 5 लाख से अधिक है। 20890 वर्ग किमी क्षेत्र फल में 5 तहसीलें राजिम, गरियाबंद, मैनपुर, देवभोग, छुरा हैं। इन्हें ब्लाक का दर्जा प्राप्त है। चार नगरपंचायत गरियाबंद, छुरा, फिंगेश्वर, राजिम हैं। इसके अलावा 435 ग्राम पंचायतें, 7 पुलिस थाना, 10 मुख्य चिकित्सालय, 90 बाध, 6 कालेज, अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायालय, अपर कलेक्टर के पद की स्थापना हो चुकी है।

1 comment: