गर्मी में आम लोगों की भ्रांति ही पशु-पक्षी भी पानी के लिए तरस रहे हैं। भटक रहे हैं।तेज धूप व वाष्पीकरण से नदी, तालाब का जल स्तर तेजी से घट रहा है। इससे आम लोगों के साथ ही पशु-पक्षी भी पानी के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं। इस दौरान पशु-पक्षी भी पानी की खोज में रहते हैं। गांव में गिरते भू-जलस्तर और मानसून के लेट आने से सभी ग्रामीण चिंतित हैं। ग्राम नहरगांव के तालाब में पानी कम है।
तालाब में काफी संख्या में मवेशी जमा रहते हैं।
यहां किसान नदी, नाले में बोर कर खेतों की प्यास बुझा रहे हैं।
गांव के छह मासी नाला में किसान बोर कर रबी फसल की सिचाई में पानी का उपयोग कर रहे हैं। इस ब्लॉक के तहत कई गांव हैं।
गर्मी में आम लोगों की भ्रांति ही पशु-पक्षी भी पानी के लिए तरस रहे हैं। भटक रहे हैं। पानी के लिए संघर्ष करते ऐसे पशु, पक्षियों को इस समय आसानी से देखा जा सकता है। जिला मुख्यालय के पास शनिवार के दोपहर में ग्राम नागाबुड़ा की बोलती ये तस्वीरें कुछ यहीं बयां करती हैं। तालाब के किनारे काफी संख्या में पक्षी एकत्र होकर अपनी प्यास बुझा रहे हैं।
तालाब में काफी संख्या में मवेशी जमा रहते हैं।
यहां किसान नदी, नाले में बोर कर खेतों की प्यास बुझा रहे हैं।
गांव के छह मासी नाला में किसान बोर कर रबी फसल की सिचाई में पानी का उपयोग कर रहे हैं। इस ब्लॉक के तहत कई गांव हैं।
गर्मी में आम लोगों की भ्रांति ही पशु-पक्षी भी पानी के लिए तरस रहे हैं। भटक रहे हैं। पानी के लिए संघर्ष करते ऐसे पशु, पक्षियों को इस समय आसानी से देखा जा सकता है। जिला मुख्यालय के पास शनिवार के दोपहर में ग्राम नागाबुड़ा की बोलती ये तस्वीरें कुछ यहीं बयां करती हैं। तालाब के किनारे काफी संख्या में पक्षी एकत्र होकर अपनी प्यास बुझा रहे हैं।
नागाबुड़ा तालाब में सड़क के किनारे पक्षी इक्ट्ठा हुए हैं। अपनी प्यास बुझाकर ये पक्षी पानी में अंगड़ाइयां लेते रहते हैं
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